परवरिश


परवरिश...

परवरिश का जीवन पर गहरा और स्थायी प्रभाव पड़ता है क्योंकि यह उनके शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास को आकार देता है. 

सकारात्मक परवरिश बच्चों को आत्मविश्वास, स्वस्थ संबंध और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती है. 

वर्तमान में पैरेन्टिंग का उद्देश्य अच्छे स्कूल में पढ़ाना, उनकी ऊंची फीस जमाकर उन्हें डॉक्टर इंजीनियर बनाना और ढेर सारे पैसे कमाना सिखाना लेकिन इस आंधी दौड़ में वो इंसानियत सिखाना भूल जाते है. 

आजकल बच्चे रिश्ते नाते सब भूल रहे हैं क्योंकि उन्हें रिश्तों के प्रति द्वेष सिखाया जाता है जिसका परिणाम स्वछंदता और वृद्धाश्रम का जन्म.
परवरिश ढंग से हो यह ज्यादा जरूरी है.


बारोली मंदिर समूह

बारोली मंदिर समूह परिसर 

बारोली मंदिर समूह परिसर राजस्थान के कोटा शहर से करीब 50 किमी दूर चितौड़गढ़ जिले में रावतभाटा कस्बे में स्थित है. 

बारोली राजस्थान के सबसे पुराने मंदिर परिसरों में से एक है और यह मंदिर समूह अपनी विशिष्ट वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. यह स्थान मंदिरों का एक समूह है जहां मुख्यतया भगवान शिव के मंदिर हैं. कुछ इतिहासकारों का मत है कि ये मंदिरों का समूह 10 वीं से 11 वीं शताब्दी के हैं जब गुरूजल प्रतिहार का साम्राज्य था, उस दौरान बनाए गए हैं. 

बारोली मंदिर की खोज सर्वप्रथम कर्नल जेम्स टॉड ने 1821 ईस्वी में की थी और इस मंदिर समूह को देखकर जेम्स टॉड बहुत प्रभावित हुए थे. उनके अनुसार ये मंदिर समूह बहुत ही भव्य और इंसानी हुनर का बेहतरीन खजाना है.

बारोली मंदिर परिसर में बहुत से मंदिर है जो मुख्यतया भगवान शिव को समर्पित हैं भगवान शिव के अलावा यहां दुर्गा माता, शिव-त्रिमूर्ति, विष्णु और गणेश जी के मंदिर हैं.

बारोली मंदिर परिसर की यात्रा करने के लिए आप कभी भी आ सकते हैं लेकिन सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है, जब राजस्थान में मौसम हरा भरा और सुहावना होता है. बारोली से एक किलोमीटर दूर रावतभाटा भी खूबसूरत कस्बा है जो न्यूक्लियर पावर स्टेशन के लिए प्रसिद्ध है. रावतभाटा में कई प्राकृतिक स्थान भी है जैसे चुलिया फॉल्स, पड़ाझार, राणा प्रताप सागर बांध, सैडल डैम, चेतक टावर और बहुत से मंदिर भी दर्शनीय हैं.



श्री हनुमते नमः


ॐ नमो हनुमते 
रुद्रावताराय 
सर्वशत्रुसंहारणाय
सर्वरोग हराय 
सर्ववशीकरणाय 
रामदूताय स्वाहा.......

अर्थात : हे हनुमान आप रूद्र के अवतार हो और रामदूत हो. हमारे सर्व शत्रु का नाश कीजिए, आपकी कृपा दृष्टि से सर्व रोगों का हरण कीजिए. हे राम दूत हम आपसे प्रार्थना करते हैं कि आपकी कृपा से हमारे सभी कार्य में सफलता और कीर्ति प्राप्त हो.
हे संकटमोचन देव हम आपको प्रणाम करते हैं.

ॐ श्री हनुमंते नमः 
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महावीर जयंती


महावीर जयंती 
आज 10 अप्रैल 2025 है . भारतवर्ष में भगवान महावीर का जन्म दिवस मनाया जा रहा है.

भगवान श्री महावीर जी की जयंती जैन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. इस दिन को भगवान महावीर के जन्म की जयंती के रूप में हर वर्ष  मनाया जाता है. भगवान श्री महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे और उनका जन्म लगभग 599 ईसा पूर्व बिहार के कुंडलपुर नमक स्थान में हुआ था.

महावीर जयंती का महत्व:
महावीर जयंती जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है जो भगवान महावीर के जीवन और उनके उपदेशों को याद करने का अवसर प्रदान करती है. महावीर जयंती पर सभी जैन मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना और आरती की जाती है और भक्त भगवान महावीर के आदर्शों और उपदेशों की चर्चा करते हैं कुछ लोग दान और सेवा के कार्य करते हैं. महावीर जयंती के अवसर पर सभी अनुयाई विशेष भोजन और मिठाइयाँ भी बनाते हैं.

नवकार मंत्र
जैन धर्म में नवकार मंत्र को युगों युगों से बहुत महत्वपूर्ण मंत्र माना जाता है. कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से पहले लोग इस मंत्र का जाप करते हैं.
णमो अरिहंताणं,
णमो सिद्धाणं,
णमो आयरियाणं,
णमो उवज्झायाणं,
णमो लोए सव्व साहूणं 
एसो पंच नमुक्कारो
सव्व पावप्पणासणों
मंगलाणम च सव्वेसिं
पढमं हवई मंगलं

आप सभी को भगवान श्री महावीर जयंती पर हार्दिक शुभकामनाएं.