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कविताएं,

कविताऐं


एक नज़र.......
एक नज़र देख लूं
उन बीते हुए लम्हो को
ए लम्हो
कुछ पल ठहरो..
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


जीवन एक संगीत.....
आओ गीत गाएँ
आनंद लें संगीत के सात स्वरों का
संगीत तो है कृष्ण की बंसी
माँ सरस्वती का सितार
भगवान शिव जी का डमरू
आओ संगीत का आनंद लें
संगीत बिन सब सून..
🙂🙂🌞🌞🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂



तृष्णा..
आपके पास मारुति हो या बीएमडब्ल्यू -
रोड वही रहेगी.
आप इकॉनामी क्लास में सफर करे या बिज़नस में, -
आपका वक्त तो उतना ही कटेगा.
आप टाइटन पहने या रोलेक्स, -
समय वही रहेगा.
आपके पास एप्पल हो या सेमसंग - आपको कॉल लगाने वाले
लोग नहीं बदलेंगे..!
भव्य जीवन की लालसा रखने या जीने में कोई बुराई नहीं हें,
लेकिन सावधान रहे
क्योंकि जरूरते पूरी हो सकती हें,
तृष्णा ( इच्छा )नहीं..

नोट : और इसी तृष्णा को पूरी करने के लिए इंसान गलत कदम उठाने लगता है.. सादा जीवन उच्च विचार.. सुखी जीवन का आधार😊😊
साभार : फेसबुक
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


कविताऐं, प्रतिभा

बारिशों का मौसम..........
ये बारिशों का मौसम है
लफ्जों में पिरो दूँ तुम्हें, 
या एहसासों में रहने दूँ. ... 
साँसो में बहने दूँ तुम्हें, 
या फ़िजाओ में बिखेर दूँ... ....
पलकों में छुपा लूँ तुम्हें, 
या रूह में बसा लूँ... ....
 इस बारिश के मौसम में, 
तुम्हे क्या सज़ा दूँ,...



ये शाम मस्तानी.....
कभी शाम को मिलो 
अदरक वाली चाय पीयेंगे 
हम अपने "मन की बात" कहेंगे
तुम कोई किस्सा सुनाना
इसी तरह ये शाम गुजारेंगे..




ओल्ड मोंक और मैं.....
Old Monk Has Followers... 
Not Fans
🙂🙂🙂
Two monks together
Follower of each other....
दो संन्यासी, साथ साथ
एक दूसरे का थामें हाथ....
😀😀😀😀


यादें, कविताएं



आज मैं आपको उत्तराखंड के प्रसिद्ध गीत से रुबरु करता हूँ इसे गोपाल बाबू गोस्वामी जी ने बड़े ही भावनात्मक रूप से गाया है....

बेडु पाको बारो मासा, 
ओ नरणी काफल पाको चैता मेरी छैला 
भुण भुण दिन आयो, 
नरण बुझ तेरी मैता मेरी छैला 
बेडु पाको बारो मासा - 
ओ नरण काफल पाको चैता मेरी छैला 
आप खांनी पान सुपारी - 
ओ नरण मैं भि लूँछ बीडी मेरी छैला  
बेडु पाको बारो मासा - 
ओ नरण काफल पाको चैत मेरी छैला 
अल्मोडा की नंदा देवी, 
नरण फुल चढूनी पात मेरी छैला 
त्यार खुटा मा कांटो बुड्या, 
नरणा मेरी खुटी में पीडा मेरी छैला 
बेडु पाको बातो मासा 
अल्मोडा को लल्ल बजारा, 
नरणा लल्ल मटा की सीढी मेरी छैला 
ओ बेडु पाको बारो मासा, 
ओ नरेन काफल पाको मेरी छैला
🌞🌞🌞🌞🌞🔆🔆🔆🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


तुम याद आए.....

मैं रूठा, तुम भी रूठ गयी
फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है, कल खाई होगी 
फिर भरेगा कौन ?
मैं भी चुप, तुम भी चुप 
इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?
बात छोटी को लगा लोगी दिल से, 
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर, 
सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी, न तुम राजी, 
फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी, 
तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे, एक तेरे भीतर भी, 
इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें....
तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन ?

यह कविता : फेसबुक के सौजन्य से 
🌞🌞🔆🔆🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

यादें

यादें....

आज फिर...

ढूंढ़ रहा है ये दिल
फिर से वही  
फुर्सत के रात दिन.....
याद करता है
वो जाड़ों की सुबहें
बालकनी में बैठकर
गरम चाय का प्याला 
हाथ में लिए हुए......
या छत पर 
जड़ों की नरम धूप में
लंबी कुरसी पर लेटे हुए......
या गर्मियों की सुबहों में
वो लंबे रास्तों की
सैर को जाते हुए......
शाम की ठंडी हवाओं में
बेंच पर बैठ बतियाते हुए.....
घर की खिड़की से झांककर
लहलहाते खेतों के देखते हुए..
या शाम के साये में
सूरज को जाते देखते हुए
या वो रातों में अकेले चाँद को
तारों के साथ देखते हुए....
ये दिल आज भी ढूंढता है
फिर से वही फुर्सत के रात दिन..

🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


चलते चलते.....

वो चिता की राख बन कर बोली
मेरा जिस्म तो अमानत है राख की
ये रूह तुम्हारे लिए छोड़ जाती हूँ...

🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂




कविताऐं


यादें.... मई 2018 
(खाटू श्याम मंदिर दर्शनम)

जिंदगी का हर रंग
मुझे अजीज है
तभी तो तुम्हारे साथ
मेरी जिंदगी रंगीन है......
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

आजकल मैं 
फिर से बिजी रहता हूं
हां उनकी यादों में
खोया रहता हूं....
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🔆🔆🔆🔆🔆

किसी मधुप्रेमी से पूछो
शराब नहीं होती तो क्या होता
मधु प्रेमीबोला
"शराबी" फिल्म ना बनी होती.....
🙂🙂🙂🙂😀😀😀😀😀


यादें, कविताएं


गरम मौसम है
इसका इलाज लाया हूं
मैं तुम्हारे लिए
एक पेग यादों का
और अपने लिए
विस्की लाया हूं...
🙂🙂🙂🙂🙂🙂



लिखने का मजा तो
तब आता है
जब पढ़ने वाला भी
समझदार हो
चाहे खत हो 
या किताब
या अदना सा दिल..
🙂🙂🙂🙂🙂🙂


मेरी आंखों मे
मत झांकना दोस्तो
ये बडी मासूम हैं...
🤣🤣🤣🤣🤩



कविताएं


कविताऐं.....

आज बदली बदली सी 
रंगत दिख रही है मौसम की
मेरी बालकनी से

जमीं में नमी है
गरजता हुआ आसमान है
हाथ में चाय का जाम है 

फुहारे तन मन को भिगोती है
पक्षी कलरव करते हैं
हरियाली और निखर गयी है
माटी की सोंधी सोंधी सी खुशबू
मन को भाने लगी है..

हे परमेश्वर 
तेरी महिमा तो अपरम्पार है
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

वो व्रत रखते हैं, 
ईश्वर खुश होगा 
फिर उस भूखे से 
ईश्वर खफा क्यों....
☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️


मेरी एक मुस्कुराहट पर 
ना जानें क्यों
हजारों दुश्मन जलभुन जाते हैं
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


बहुत सी ख्वाहिशें थी 
बचपन में 
आज झुरियोँ में 
तब्दील हो गयी हैं......
😀😀😀☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️

क्यों उलझी है जिन्दगी, 
क्यों उलझे हैं हम ।
तेरे लिये तू सही, 
मेरे लिये मैं , 
कैसी रही सनम...
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂



कविताऐं


छोड़कर अपनों को, 
किस किस से 
उम्मीद जगाये बैठे हो ।
इस जहां में लोग 
बहारों की चाहत में, 
चमन छोड़ जाते हैं ....



अपने पर 
ये गरूर कैसा 
एक बार तो
आइना तो देख लेते .......




मत खोलो 
मन की गांठों को
यूँ कैंचियां चला कर 
प्यार से भी तो 
खुल सकती हैं ये गांठे 
एक बार आजमा के तो देखो....


एक दिन तो 
सब का हिसाब होगा
ये जिंदगी 
कर्मों की किताब है..

🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

कविताएं

मेरे हमदम....

मेरे हमदम
जहां भी रहो
मेरी ज़िंदगी का 
हिस्सा बने रहना
चाहे यादों में
या ख्वाबों में 
जब तक ये जिंदगी 
सलामत है मेरी
मेरी जिंदगी का 
किस्सा बने रहना.....


कविताऐं

नदी का किनारा
सुहानी शाम
ढेर सारी यादें
कभी रुलाती हैं
कभी मदहोश करतीं हैं
कभी याद दिला जाती है
चुपके से 
वो अनकही दास्तानें......
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂

तुम, मैं 
और ये तन्हाई : 
जिंदगी एक नई नज़्म  सी 
मिलो  ना एक बार फिर
तुम पर एक ग़ज़ल लिखनी है...
🙂🙂🙂🙂🙂🙂😃😃😃



इन कंक्रीट के जंगलों में
चलते चलते अगर थक जाएं पांव 
तो किसी पेड़ की छावँ में 
कुछ पल सुस्ता लेना
न जाने आगे पेड़ मिले ना मिले......
🙂🙂🙂🙂🙂🙂😃🙂🙂🙂


छोड़ के शहरी बस्ती को
क्यों ना एक बंजारा बन जाएं 
झोला उठाएं, 
कहीं दूर निकल जाएं 
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


उन्होने कहा 
हम तुम्हारे हैं सनम
हमने कहा लिख कर दो, 
तुम्हारा क्या भरोसा
कहीँ अकेला छोड़ गये तो....
🙂🙂🙂🙂🙂🙂😃😃


उम्र के इस मोड़ पर
मेरा शहर भी मेरी तरह हो गया 
इतनी भीड़ में भी तन्हा
चल कहीँ दूर निकल जाएं
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


लैंसडाउन

लैंसडौन, उत्तरांचल

लैंसडौन : उत्तरांचल की खूबसूरत जगहों में से एक है, यदि जीवन में सुकून से एकांत पल बीताने हो तो लैंसडौन बहुत ही खूबसूरत और प्यारी जगह है...

छावनी क्षेत्र होने के कारण यहां साफ सफाई और पर्यटन की जगहों का पूरा ध्यान रखा जाता है.. बाजार एक ही है.. भुल्ला ताल, आर्मी म्यूजियम, चर्च इत्यादि देखने लायक जगह है.. आस पास तड़केश्वरजी का मंदिर है ... दिल्ली की तरफ लौटते वक्त कोटद्वार में सिद्धबली हनुमानजी के दर्शन किए जा सकते हैं. यह मंदिर नदी के किनारे बना हुआ है और बहुत ही सुंदर है..

संलग्न चित्र सूर्योदय का है जो टिप इन टॉप से लिया है साथ में सरकारी रिसोर्ट "टिप इन टॉप" है जहां से प्राकर्तिक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है...

सूर्योदय का सुंदर दृश्य


टिप इन टॉप में सरकारी रिजॉर्ट में सुंदर कॉटेज

मई 2019 ; लैंसडाउन की यादें




कविताऐं


2019 : लैंसडाउन

शाम के साये में
लैंसडाउन की एक शाम
एक सुखद अहसास है ये
शहर की आपाधापी से दूर
प्रकृती की गोद में... 


आओ कुछ पल बिताएं
इन फूलों के साये में
क्योकि
अपनी तो यारी है
इन फूलों से....


फिर सूरज ले आया 
एक नई आस
कहने लगा
जीवन व्यर्थ ना गवायें
मेरी तरह
इस जग को चमकाएं....


तुम भी कुछ पल बिताओ 
फूलों के इन जंगलों में
यारी करलो इनसे
खुश रहोगे उम्रभर...


कविताऐं


आज सुबह  जमीन 
कुछ भीगी भीगी सी थी...
लगता है आकाश रोया होगा 
रातभर मेरी तरह ...


बड़े बड़े रास्तों में, 
उलझने वालो
पगडंडियां भी, 
मंज़िल तक
पहुंचा ही देती है....



सूरज ढल जाता है
चाँद उग आता है
चांदनी झांकने लगती है
खिड़कियों से ...






कविताऐं


क्या तुम्हे याद है....

याद है तुम्हे 
ये वही जगह है
जहां कभी हमारे मन मिले थे

वो भी क्या दिन थे
हवाओं में भी खुशबु हुआ करती थी
बस एक तुम थे एक हम थे

काश ...
कोई लौट दे मेरे 
प्यारे वो पल छिन
😘😉😉😁😁
RPS गार्डन, रावतभाटा
😀😀😀😀😀

कविताएं


रिश्ते....

कुछ रिश्ते 
कभी नहीं मरते
हमारा रिश्ता भी
कुछ ऐसा ही है
पहले वो बोलती थी
मैं सुनता था
अब मैं बोलता हूं
और वो सुनती है



कविताएं


धूप छाँव का खेल है 
ये मासूम जिन्दगी...
जीने वाले, 
आ तू भी दांव लगा ले...

😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊

उज़ाड दिया
बेरहम सरकार ने
एक और आशियाने को...
सरकार को क्या मालूम 
उम्र बीत जाती 
एक घर बनाने मे.

😊😊😊😊

कैसी विडंबना है
इस छोटी सी जिंदगी में 
सुकून चाहने के लिए भी
हमेशा बैचेन रहना पड़ता है...

शुभ प्रातः 🙂
आज का दिन मंगलमय हो


हम तुम


हम तुम......

हम तुम सलामत रहें 
जिंदगी यूं ही चलती रहे
वक्त का क्या
ये तो कट ही जाता है
कुछ प्यार में
कुछ इंतजार में
ये रातें भी तो अपनी ही हैं
ये भी काट ही लेंगें
उजालों के इंतज़ार में......

🙂🙂🙂🙂🙂

Thought....

Every day sun brings
happiness in our life
And take us to 
The new horizons...
And
We fly high 
with new visions.

Good morning 🙂
Have a nice day
gkkidiary.blogspot.com





कविताएं


जिंदगी....

ए जिंदगी
तू बहुत सताती है
क्यों ना तेरे पर
एक केस ठोक दूं...

कठपुतलियां...

धागों से बंधी थी
जिंदगानियां हमारी
ऊपर वाले कि बदौलत
कलाकार बन गए 
हम तुम...

😊😊😊😊

सलामत रहो.....

जहां भी रहो
तुम सलामत रहो
खुदा से यही दुआ मांगता हूं
हर रोज...


सुबह...

घर का कोना
बॉलकोनी हमारी
दूर कहीं हरियाली
मुक्त गगन में पंछी
एक चाय का प्याला
मेरी तन्हाई
और ढेर सारी
यादें तुम्हारी
सुबह सुबह 
और क्या चाहिए...
😊😊😊😊😊

यादें

नक्की झील बाजार....

आबू पर्वत....


यादें...

2017 : नक्की झील, आबू

ना सफर का पता था
ना मंजिलों का 
फिर भी हम
चले थे साथ साथ.....
और अब 
अकेले हम अकेले तुम  
मंजिलों का 
अब भी पता नहीं...