बच्चे और संस्कार

बच्चे और संस्कार...

सभी मातापिता जिनके बच्चे स्कूल जाने वाले हैं, निम्न बातों पर आवश्य ध्यान दें...

बच्चों को TV में मनोरंजक और शिक्षाप्रद फिल्में दिखाने की कोशिश करें. जहां तक हो सके  8:00 बजे तक टीवी बंद ही कर दें, थोड़ा त्याग तो आपको भी करना पड़ेगा.

अपने बच्चे की दिनचर्या और स्कूल डायरी देखने के लिए समय निकलें, उसको ग्रह कार्य कराएं और आवश्यक सुझाव भी दें.

बच्चे को जल्दी उठाने की कोशिश करें ताकि वह स्नान इत्यादि से निवृत होकर ईश वंदना भी कर सके.

वैसे तो एक से एक महंगे स्कूल भरे पड़े हैं अपने बजट के हिसाब से स्कूल चुने और बच्चे खुद गाइड करें. ट्यूशन पढ़वाना सही विकल्प नहीं है.

बच्चों को रामायण, महाभारत और पंचतंत्र की कहानियों सुनाएं या किताब पढ़ने को दें. शिखा के साथ बौद्धिक विकास भी जरूरी है.

बच्चों को शौक भी डेवलप कराए जिसमें खेलकूद, किताबें पढ़ना और संगीत जैसे शौक का समावेश हो.

बच्चों को छुट्टी के दिनों में ऐतिहासिक महत्व की जगह दिखाएं और सुकून के लिए किसी प्राकृतिक मनोरम जगह जरूर दिखाएं और छुट्टी के दिनों में स्कूल और पढ़ाई को दूर ही रखे.

बच्चों को बड़ों से बात करने का सलीका जरूर सिखाएं, चिड़िया को दाना और गाय को रोटी खिलाने की आदत दिखाएं ये चीज उन्हें दान का महत्व समझा सकती है..  उन्हें अनुशासन में रखे ताकि शिक्षा के साथ वे अच्छे नागरिक भी बन सकें.

पार्टी वगैरह avoid करें या पार्टी अटैंड करके जल्दी घर आ जाएं क्योंकि अगले दिन बच्चों को स्कूल जाने की इच्छा में कमी हो सकती है.

पिज़ा, बर्गर और अन्य फास्ट फूड से दूर ही रखे और हेल्थी खाने की आदत डालने का प्रयास करें.

आजकल बच्चे अखबार नहीं पढ़ते उन्हें अखबार पढ़ने की आदत डलवाएं क्योंकि अखबार पढ़ने से शहर, देश और विश्व की खबरों के साथ साथ अपडेट रहने की जानकी मिल जाती है.

मोबाइल बच्चों के लिए एक बीमारी है इसका सदुपयोग से ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है अतः toz एक घने के लिए मोबाइल चलाने की अनुमति दें.

बच्चों को अनुशासन जरूर सिखाएं क्योंकि लाद प्यार उन्हें गलत रह पर के जायेगा.

आप स्वयं स्कूल की अवस्था से गुजर चुके हैं, अपना विवेक जरूर काम लें.

मैं अपने और अपने मित्रों के अनुभव के आधार यह विचार प्रस्तुत किए हैं..

अच्छा लगे तो अमल कीजिए अन्यथा भूल जाइए क्योंकि जिंदगी तो चल ही रही है
😊😊😊

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नेशनल बर्ड डे

नेशनल बर्ड डे 
National Bird Day

आज नेशनल बर्ड डे है जो हर साल 5 जनवरी को मनाया जाता है. पक्षियों के संरक्षण और उनके महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष यह दिवस मनाया जाता है.

नेशनल बर्ड डे दिवस की शुरुआत सन 2002 में हुई थी जिसका उद्देश्य पक्षियों के संरक्षण और उनके महत्व को बढ़ावा देना है क्योंकि पक्षी हमारे पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.

आओ  इस दिवस पर  निम्न संकल्प लें...
* हमें पक्षियों को बचाना है
* उनके दाना पानी की नियमित व्यवस्था करना है
* पक्षियों को पहचानना है
* पक्षियों की तस्वीर पर कविता या लेख लिखना है
* किसी बर्ड सैंक्चुअरी में जाकर जानकारी लेना है

आओ  मित्रों 
पक्षीयों से प्रेम करें और उन्हें बचाएं.
नेशनल बर्ड डे की सभी को शुभकामनाएं
😊😊🙂🙂🙂

विदा 2024


31.12.2024.....

शुरुवात है साल की
इसे कहते हैं : जनवरी.....
प्यार के फल को कहते हैं
प्यारी फरवरी ......
अकाउंटेंट की आफत  बनती है
ये मार्च हर साल बड़ी .....
फिर से टैक्स का नया साल
ये है अप्रैल कहती है tax बचाओ घड़ी घड़ी
प्लानिंग का नाम है
ये मई की गरम दोपहरी
मेरी जिंदगी की धड़कन है वो
ये जून है मुझे जश्न मनाने की है पड़ी....
मिलन का महीना है
ये हसीन जुलाई
देश आजादी का महीना है
अगस्त की सुहानी सुबह बड़ी
मेरे यार की जुदाई का महीना है
यादगारें सितंबर दुख भरी
ठंड की शुरुवात होती है
ये अक्टूबर की ठंडी बड़ी
दुनिया करती है स्वागत हमारा
हम हैं नवंबर की शुभ घड़ी
बसी हुई है यादों की हर घड़ी
फिर से आ गई है ये दिसंबर मरी मरी
🙂🙂🙂🙂🙂

Enjoy the day

नेवटा डैम, जयपुर

नेवटा डैम 

जयपुर शहर के मानसरोवर से करीब 15 KM दूर नेवटा डैम एक खूबसूरत झील को समेटे हुए है. बारिशों के मौसम में यह डैम पानी से  पूरा भर जाता है और सर्दियों में  तो यहां विदेशी पक्षियों को भी देख जा सकता है.

इस ऐतिहासिक नेवटा गांव में आप पुराने मंदिर, जैन मंदिर और नव निर्मित वराह मंदिर भी देख सकते हैं. शहर के कई लोग यहां घूमने आते है. सरकार इस जगह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है.

नेवटा डैम 

डैम में पक्षी

वराह मन्दिर 

नव निर्मित मंदिर 



पत्रिका गेट, जयपुर

"पत्रिका गेट और तोरण द्वार"
जवाहर लाल नेहरू मार्ग
जयपुर, राजस्थान

पत्रिका गेट.......
जयपुर शहर का पत्रिका गेट पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. एयरपोर्ट के नजदीक स्थित पत्रिका गेट में  पर्यटक राजस्थान की संस्कृति और इतिहास की संक्षिप्त और सचित्र झलक देख सकते हैं.





तोरण द्वार............
पत्रिका गेट के ठीक पीछे ये नव निर्मित तोरण द्वार, सफेद मार्बल से तैयार किया गया है. इसकी सुंदरता के चलते इसे गेटवे ऑफ जयपुर और गेटवे ऑफ राजस्थान के नाम से पुकारा जाता है.