Friends

Dear friends 

My door is always open for good and like-minded people. My home is safe for any gender even for kids also. Coffee & Tea can be made in minutes, and my dining table is a place of peace.. 

Anyone who needs to chat is always welcome anytime. It's not good suffering in silence. I have food in the fridge, coffee and tea in the cupboard, and listening ears, shoulders to cry on and prayers to share. We will always be here...you are always welcome!! 

This is an old value that has been lost to technology...a text, facetime or emoji is not the equivalent of making time for those we love or care about! 

I promise to sit and listen while we talk...this is a value that we should bring back!! Let's all bring it back!

Please share to at least one friend, you can copy and re-post (not share)? I'm trying to demonstrate that someone is always willing to listen, you never really need to be alone!

All the best.

किशनबाग डेजर्ट पार्क : जयपुर

किशन बाग डेजर्ट पार्क  : जयपुर 

जयपुर शहर के विद्याधर नगर में स्थित स्वर्ण जयन्ती पार्क के अंदर नाहरगढ की तलहटी में प्राकृृतिक रूप से बने रेत के टीलों पर करीब 64 हैक्टर के क्षेत्रफल में किशनबाग डेजर्ट पार्क बनाया गया है...
चित्र : पार्क में बैठने और पीने के पानी की व्यवस्था भी है

इस बाग में मौजूद रेतीले टीलों को ही स्थाई कर वहाँ पर पाये जाने वाले जीव जन्तुओं के प्राकृतिक वास को सुरक्षित रखते हुए, कई प्राकृतिक संसाधनों का पूरा उपयोग किया गया है.. विभिन्न प्रकार के आश्चर्यचकित करने वाले पत्थरों को भी संग्रहित किया है जो आप देख सकते है.. ऐसा लगता है मानो पत्थर बोल पड़ेंगे...
चित्र : लकड़ी और पत्थर से बना सुंदर वॉक वे 

पर्यटकों की सुविधा हेतु पत्थर और लकड़ी से बना वॉकवे बहुत ही सुंदर लगता है... 
चित्र : मनोरम दृश्य से भरपूर जहां पानी, रेत और हरियाली देखने की मिलेगी

प्रकृति प्रेमियों के लिए ये जगह वरदान है

मंगलवार को यह पार्क बंद रहता है

बंधे के बाला जी बोराज़

बन्धे के बालाजी : बोराज 

बन्धे के बालाजी का प्रसिद्ध मंदिर, जयपुर अजमेर रोड पर महला से जोबनेर के रास्ते बोराज़ कस्बे के पास ऊगरियावास गांव में स्थित है. यह मंदिर जयपुर शहर से करीब 60 किलोमीटर दूर है.

चित्र : बाला जी का  प्रमुख मंदिर 

सूत्रों के अनुसार बन्धे के बालाजी की मूर्ति संवत 1752 के समय की मानी जाती है और यह भी माना जाता है की बाला जी की यह मूर्ति एक बंजारा परिवार द्वारा लायी गई थी. अक्सर बंजारे सांभर से नमक लादकर आगे बेचने के लिए इसी जगह से होकर जाया करते थे और रात्रि विश्राम यहीं किया करते थे क्योंकि यह जगह उनको अधिक सुविधाजनक लगती थी.

चित्र :  बाला जी के मंदिर का प्रवेश द्वार

कहते हैं की एक रात बंजारा परिवार जिसके पास यह बाला जी की मूर्ति थी उसने सोने से पहले  इस मूर्ति को अपने नमक से निकालकर आंगन में रख दी थी. सुबह चलते वक्त जब बंजारे ने इस मूर्ति को उठाकर अपने साथ ले जाने की कोशिश की तो बालाजी की मूर्ति अपने स्थान से बिल्कुल भी नहीं हिली तो बंजारा बाला जी की मूर्ति को वहीं छोड़कर अपने घर चला गया, घर जाकर देखता है कि उसकी अंधी मां की आंखों की रोशनी लौट आई है उसने सोचा यह तो जरुर बाला जी की मूर्ति का  ही चमत्कार है, वह वापस आया और उसने मूर्ति को आज के वर्तमान मंदिर के स्थान पर स्थापित कर दिया, तब से यह मंदिर स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं की भी आस्था का केंद्र बन गया.

चित्र : बाला जी के मदिर के सामने अन्य मंदिर

बाला जी के मुख्य मंदिर में बहुत बड़ा हॉल है और बीच में सिंदूर से नहाए हुए बाला जी की प्रतिमा है, मंदिर प्रांगण में गणेश जी, दुर्गा माता जी और  राम दरबार की मुर्तिया विराजित है. ठीक बाला जी के मंदिर के सामने विशाल शिव मंदिर, नव ग्रह मंदिर और साई मंदिर भी है. शिव मंदिर के पीछे सुंदर हरा भरा पार्क भी है जहां पेड़ों की छाया में आप विश्राम कर सकते हैं.

मुख्य सड़क पर गौशाला के नजदीक हनुमान जी और शिव जी की बहुत विशाल रंगीन मूर्ति सबको आकर्षित करती है.
चित्र : हनुमान जी और शिव जी की विशाल प्रतिमा

दर्शनार्थियों को सुविधा के लिए मंदिर के चारों तरफ प्रसाद की दुकानें, खाने पीने की दुकानें और बहुत से ठेले लगे हैं जिनमें बच्चों के खिलौने और घर का अन्य सामान मिल जाता है.

मंदिर से करीब 20 किलोमीटर के दायरे में फुलेरा के पास सांभर लेक है जहां  नमक की विशाल झील, शाकंभरी माता का मंदिर और देवयानी मंदिर स्थित है. सांभर लेक से जयपुर लौटते वक्त रास्ते में जोबनेर नामक जगह पर पहाड़ी पर स्थित ज्वाला माता जी का सुंदर मंदिर भी दर्शन के लिए प्यारी जगह है. बारिश के दिनों में राजस्थान बहुत सुंदर हो जाता है

सांभर लेक : नामक की झील

नोट : राजस्थान में हनुमान जी को बाला जी भी कहते हैं
तो फिर "पधारो म्हारे देश"......








गणेश चतुर्थी

चित्र: गूगल के सौजन्य से

गणेश चतुर्थी : 19.09.2023

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
अर्थात : घुमावदार सूंड वाले, विशालकाय शरीर, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली, मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें.

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते
अर्थात :  विघ्नेश्वर, वर देनेवाले, देवताओं को प्रिय, लम्बोदर, कलाओं से परिपूर्ण, जगत् का हित करने वाले, गज के समान मुखवाले और वेद तथा यज्ञ से विभूषित शिवपार्वती पुत्र को नमस्कार है ; हे गणनाथ ! आपको नमस्कार है.

अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते
मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः
अर्थात : हे हेरम्ब ! आपको किन्ही प्रमाणों द्वारा मापा नहीं जा सकता, आप फरसा धारण करने वाले हैं, आपका वाहन मूषक है. आप विश्वेश्वर को बारम्बार नमस्कार है.

एकदन्ताय शुद्घाय सुमुखाय नमो नमः
प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने
अर्थात :  एक दाँत और सुन्दर मुख है, जो शरणागत भक्तजनों के रक्षक तथा प्रणतजनों की पीड़ा का नाश करनेवाले हैं, उन शुद्धस्वरूप आप गणपति को बारम्बार नमस्कार है.

एकदंताय विद्‍महे। वक्रतुण्डाय धीमहि
तन्नो दंती प्रचोदयात
अर्थात :एक दंत को हम जानते हैं। वक्रतुण्ड का हम ध्यान करते हैं। वह दन्ती (गजानन) हमें प्रेरणा प्रदान करें.

ॐ श्री गणेशाय नमः 

कविताऐं


देखिए
वक्त की नजाकत को
घर के बहुत से कमरों (Bedrooms) ने
घर में रहने वालों को ही 
आपस में पड़ोसी बना दिया...
😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀


जिंदगी
रुकी रुकी सी है 
थोड़ा सा चल तो लो 
मंजिलों का क्या
चलते रहोगे तो
मिल ही जाएंगी..
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊


जब भी मिलो
अपनों से
हैसियत मत पूछना..
याद करना
सुनहरे लम्हों को
और खिलखिलाना..
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂😀😀😀😀😀


ना ख़ुशी खरीद सकते हैं
ना गम खरीद सकते हैं
खाली हाथ आते हैं
खाली हाथ जाते हैं
ना जाने क्यों फिर भी
जिंदगी में अकड़े रहते हैं...
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊



हिंदी भारत के माथे की बिंदी

14 सितम्बर  - हिंदी दिवस


आज हिन्दी दिवस है... जो हर साल आता है और चला भी जाता है, कुछ नारे होते हैं, भाषण होता है, खाना पीना होता है और बड़ी बड़ी बातें भी होती हैं.. उसके बाद कुछ भी नहीं होता है...

आप जानते हैं. इसके जिम्मेदार सरकार ही नहीं हम सब भी हैं कैसे सोचिये..

1. क्षेत्रीय भाषा जो हिंदी को कभी पनपने नहीं देती. बड़े शर्म की बात तो जब होती है, जब 5 भारतीय हिंदी में बात करते हैं तो अचानक उनमें से 2 क्षेत्रीय भाषा में बोलना शुरू हो जाते हैं..

2. हिंदी के प्रति सरकार और जनता की उदासीनता. कोई हिंदी के प्रचार प्रसार की व्यवस्था नहीं है.

3. हिंदी की पुस्तकें पढ़ेगा कौन, हमारे देश में तो पुस्तकालयों का अभाव है.

4. क़ानूनी कार्यों में अँगरेज़ी भाषा को ही मान्यता दी जाती है, जैसे insurance या अन्य कानूनी दस्तावेजों में इंग्लिश वर्जन ही मान्य होता है.

5. सरकार का उदासीन रवैया.. कई नेताओं को हिंदी आती ही नहीं और सीखना भी नहीं चाहते हैं.. और कई नेता हिंदी आने पर भी टूट फूटी अंग्रेजी बोलने में ही अपनी शान समझते है. ये कितने दुःख की बात है की अपने ही देश में हिंदी अजनबी हो गयी है.

6. प्रत्येक राज्य में हिंदी विश्वविद्यालयों की स्थापना हो और ऑनलाइन मुफ्त हिंदी शिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए.. 

7. सोचो : क्या हम हिंदी को मन से चाहते है क्या हम हिंदी भाषा के प्रति वफादार है... प्रण लो हिंदी को सम्मान दिलाएंगे, आज भी प्रेमचंद जी, हरिवंश राय जी, मैथिली शरण जी, पंत जी जैसे अनेक लेखक विश्व में प्रसिद्ध है.. उनके अनुवाद पढ़े जाते हैं.

8. हम अंग्रेजी के दुश्मन नहीं है, अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है लेकिन ध्यान रहे हिंदी भारत की महान भाषा है. और हमें भारतीय भाषा को भी प्रसिद्ध करना है

संक्षेप में : हम सभी भारतीयों को क्षेत्रियावाद को छोड़कर हिंदी को सम्मान जरूर देना चाहिए तथा भारतीय भाषाओँ में हिंदी सबसे ऊपर होनी चाहिए.. तो मित्रों अंगेरजी के साथ हिंदी बोलने में शर्म कैसी...

भारत की शान : हिंदी महान

रिटायरमेन्ट की खुशी


सेवानिवृत्ति और खुशी

अक्सर हम सोचते हैं की जब सेवानिवृत्त होंगे तो क्या करेंगे, कैसे खुश रहेंगे, कैसे समय बिताएंगे और उम्र के साथ अपने आप को कैसे स्वस्थ रहेंगे ? 

मित्रो हमें खुश होना चाहिए की एक लंबे अंतराल के बाद हमें खुश और स्वतंत्र रहने का एक अच्छा अवसर मिला है क्योंकि रिटायरमेंट के बाद हमारा जीवन एक नया जन्म लेता है जिसमे हम अनुभवी और स्वतंत्र होते हैं जहां  पर काम का कोई बंधन नहीं होता है हम अपने ऑफिस के कार्य से मुक्त होते हैं.

मेरे विचार से खुश, संतुष्ट और पूर्ण जीवन का आनंद लेने के लिए हमे कुछ बातों पर विचार ही नहीं इनका पालन भी करना चाहिए, मैं इन 8 सूत्रीय  विचारों को आपके साथ शेयर करूंगा ;

1. लक्ष्य निर्धारित करें : 
हमें क्या करना है ? कैसे करना है ? ये सब लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए क्योंकि लक्ष्य-निर्धारण में शक्ति और आकांक्षाएँ हमको मार्ग दिखा सकती हैं और हमारी प्रेरणाशक्ति के स्तर को भी बढ़ा सकती हैं. परिणामस्वरूप जो भी लक्ष्य हमने निर्धारित करेंगे उनके करीब पहुंचने में भी मदद करेंगी.



2. दैनिक दिनचर्या और व्यायाम :
हमें अपनी एक दैनिक दिनचर्या बनानी चाहिए क्योंकि ऐसा न हो की रिटायरमेंट के बाद आलसी हो जाएं जैसे कि अधिक सोना, व्यर्थ समय नस्ट करना और व्यायाम इत्यादि छोड़ देना इसीलिए हमारा सुझाव है की सेवानिवृत्त होने के बाद एक नई दैनिक दिनचर्या स्थापित जरूर करें और उसका जरुर पालन करें.

वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ अच्छे शारीरिक व्यायाम हैं जिन्हे शारीरिक क्षमता के हिसाब से किया जा सकता है जैसे...
योग और कुर्सी योग
चलना और दौड़ना
कोई भी ईजी वर्कआउट
जुम्बा, एरोबिक और डांस
साइक्लिंग


3. स्वस्थ खानपान :
रिटायरमेन्ट के बाद एक संतुलित आहार हमें वजन नियंत्रण के साथ ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ाने में लाभकारी होता है और इतना ही नहीं हमें हृदय रोग, मधुमेह और अन्य पुरानी बिमारियों के जोखिमो से भी बचाता है

इसलिए याद रखें हमेशा हाइड्रेटेड रहें (खासकर गर्मियों में),  बहुत सारे फल, ड्राई फ्रूट्स और सब्जियां खाएं याद रहे मौसमी फलों और सब्जियों का ही प्रयोग करें.


4. ध्यान योग :
ध्यान हमारे हिंदुस्तान के महान ऋषियों मुनियों की देन है जिसे हम भारत में ध्यान योग कहते हैं और  विश्व में इसे मेडिटेशन और अन्य कई नामों से पुकारते है. 

याद रहे की ध्यान हमारे तनाव के स्तर को कम करने और अवसाद से बचाता है. हमें इसे अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. ज्यादा नहीं तो प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट का अभ्यास तो करना ही चाहिए.

5. अपने वित्त को व्यवस्थित करें :
सेवानिवृत्ति के बाद आमदनी और खर्च दोनो कम हो जाते हैं अतः वित्त पर नियंत्रण भी जरूरी है जैसे :
रिटायरमेंट के फंड को कहां निवेश करें जिससे आपकी मंथली इनकम बनी रहे. भारत सरकार ने 60+ वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत सी स्कीमें बनाई है हम अपनी सुविधानुसार उन्हें चुन कर इन्वेस्ट करें यदि आप जोखिम लेकर लाभ अधिक चाहते हैं तो शेयर और म्यूचुअल फंड्स में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं.

यदि आपके पास काफी धन है और आप उसे मैनेज नहीं कर सकते हैं तो तो आप एक अच्छे वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं लेकिन याद रहे वित्तीय सलाहकार चुनने में जल्दबाजी न करें क्योंकि कई सलाहकार कमीशन के चक्कर में आपको फंसा भी सकते है.


6. नए शौक शुरू करें :

सेवानिवृति के बाद अक्सर लोग ये सोचते हैं की समय को कैसे व्यतीत करें, इसके लिए आपको नए शौक पैदा करने पड़ेंगे या पुराने शाैकों को जिंदा करना पड़ेगा.

आप  चाहें तो  म्यूजिक, भाषा,  कुकिंग, नए गेम्स, लेखन, कविता लेखन और स्केचिंग  सीख सकते हैं. आजकल डिजिटल युग में ब्लॉगिंग, फेसबुक, ट्विटर और कई सोशल साइट्स को भी ज्वाइन कर सकते हैं.

विदेश यात्रा करें, प्रकृति का आनंद लें, पहाड़ों की सैर करें, योगा कक्षाएं ज्वाइन करें अर्थात जो आपको खुशी दे वही शौक अपनाएं.


7. सामाजिक संपर्क :
सेवा में रहते हुए आपका सामाजिक दायरा समय के अभाव के कारण सीमित रहता था तो सेवानिवृत्त होने के बाद इसे बढ़ाएं जैसे सगे संबंधियों, पड़ोसियों, पुराने दोस्तों से मिलें, उनके साथ घूमने का कार्यक्रम बनाएं, भजन करें,  नई जगह की खोज करे और इतना ही नहीं अपने ही शहर को एक सैलानी के रूप में देखें.

मेरे विचार से कम से कम सप्ताहांत में रिश्तेदारों से मिलने जाएँ, किसी सोशल क्लब या ग्रुप में शामिल हों जाएं, या महीने में एक बार पुराने सहकर्मियों के साथ डिनर के लिए ही बाहर चले जाएँ, इससे ये होगा की आपका सामाजिक संपर्क बना रहेगा और आप अपने आप को एक्टिव भी महसूस करेंगे.


8. हमेशा एक्टिव रहें :
यह तो हम सब जानते हैं की खाली दिमाग शैतान का घर होता है क्योंकि यही खाली दिमाग आपको अवसाद से भी भर सकता है. इसलिए हमेशा सकारात्मक विचार रखें, एक्टिव रहें, व्यस्त रहें, समय का सदुपयोग करें और उपरोक्त  8 सूत्रीय बातों का पालन भी करते रहें अर्थात जीवन को भरपूर जीएं और उन कामों को करें जो आप अपने पूरे कामकाजी जीवन में नहीं कर पाए हों. याद रहे ये जिंदगी ना मिलेगी दुबारा.


आपको ये 8 सूत्रीय विचार कैसे लगे, कृपया कॉमेंट्स में अपने विचार जरुर लिखें

शिक्षक दिवस

शिक्षक दिवस
( 5 सितंबर )

आज शिक्षक दिवस है और भारत में शिक्षक का मतलब होता है गुरु. हमारे देश में सबसे अधिक गुरु को महत्व दिया है उन्हे ईश्वर के तुल्य मानकर गुरुदेव कहा जाता है ;

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरा
गुरुर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः

अर्थात......
गुरुर ब्रह्मा – गुरु ब्रह्मा सृष्टिकर्ता के समान हैं.
गुरुर विष्णु – गुरु विष्णु संरक्षक के समान हैं.
गुरुर देवो महेश्वरा – गुरु प्रभु महेश्वर विनाशक के समान हैं.
गुरु साक्षात – सच्चा गुरु आँखों के समक्ष.
परब्रह्म – सर्वोच्च ब्रहम.
तस्मै – उन एकमात्र को.
गुरवे नमः – उन एक मात्र सच्चे गुरु को मैं नमन करता हूं.

आज हम जो भी है अपने गुरु की कृपा से है. माता से लेकर अपने अपने व्यवसाय तक हमने बहुतों से बहुत कुछ सीखा है. हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म भारतवर्ष की पावन भूमि में हुआ है अर्थार्थ हम कह सकते है की ज्ञान का जन्म भारत में ही हुआ है, वेद और पुराण इसके गवाह हैं. विश्व गुरु श्री कृष्ण ने गीता मैं ज्ञान का जो उपदेश दिया है उसे पूरा विश्व मानता है.

वर्तमान में शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए  कई संस्थान और डिजिटल प्लेटफार्म अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है. ऑनलाइन मुफ्त शिक्षा ने तो शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी है ऐसे में हम डिजिटल युग के अपने महान गुरु "गूगल" को कैसे भूल सकते हैं जो चुटकियों में हमारी समस्याओं का समाधान कर देते हैं,  ज्ञान का भंडार रखते हैं और नित्य नया सिखाते रहते हैं.

आओ प्रण लें कि प्रत्येक दिन हम कुछ ना कुछ नया सीखते की कोशिश को जारी रखेंगे.  किसी महान व्यक्ति ने सच ही कहा है
"पालन से कब्र तक शिक्षा प्राप्त करते रहो...."









जगदीश जी का मंदिर गोनेर जयपुर

श्री लक्ष्मी जगदीश मंदिर, 
गोनेर, जयपुर

जयपुर शहर से करीब 20 KM दूर गोनेर में स्थित है श्री लक्ष्मी-जगदीश महाराज जी का करीब 500 वर्ष पुराना मंदिर .. ऐसा कहा जाता है कि इस गांव के किसान के सामने लक्ष्मी-जगदीश भगवान साक्षात प्रकट हुए और जमीन में दबी अपनी मूर्तियों को को बाहर निकालकर विधिपूर्वक स्थापित करने का आदेश भी दिया था...  

एकादशी के दिन यहां भक्तों का मेला लगा रहता है.. यहां मालपुए, दाल और मिर्ची की सब्जी जिसे टपोरे कहते हैं, लाजबाब होते हैं..

कहा जाता है कि मुगल शासन के दौरान इस मंदिर को बहुत नुकसान पहुंचाया गया था ...जयपुर राजघराने तथा अन्य भक्तों के सहयोग से मन्दिर का पुनः निर्माण कराया गया.. मंदिर का प्रवेश द्वार और मुख्य मंडप संगमरमर से बना हुआ है ..

मंदिर के पास ही एक तालाब है और एक पुरानी बावड़ी भी है.. गोनेर ग्राम में राजा महाराजाओं द्वारा निर्मित एक पुरानी  हवेली भी है जिसमे आजकल राजकीय शिक्षक प्रक्षिक्षण संस्थान  चलता है..

पर्यटक जो चोखी ढाणी जाते हैं और यह मंदिर भी देखना चाहें  तो हैं गोनेर ; चोखी ढाणी से करीब 8 KM दूर होगा.. हां शुद्ध ग्रामीण परिवेश का आनंद मिलेगा आपको यहां...


मंदिर का प्रवेश द्वार


पुराने किले में स्थित शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान


पुरानी बावड़ी


तालाब 

😊😊☺️☺️

रावतभाटा




रावतभाटा 
जिला चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)
अगस्त 2023

रावतभाटा एक छोटा सा कस्बा है जो कोटा शहर से करीब 50 किमी दूर है यहां पर न्यूक्लियर पावर स्टेशन, राणा प्रताप सागर बांध और चंबल नदी है. यहां इसी चंबल नदी से पन बिजली भी बनाई जाती है.

पर्यटन की दृष्टि से रावतभाटा राजस्थान की वो अनछुई जगह है जहां पुराने मंदिर, घने जंगल, नदियां, पहाड़ियां और वन्य जीवों से घिरा भेंसरोडगढ़ अभ्यायारण  देखने को मिलता है कहने का मतलब यह है की यह जगह एक परफेक्ट टूरिस्ट स्पॉट है जहां आप यात्रा के साथ साथ  प्रकृति का सानिध्य भी पा सकते हैं.

रावतभाटा में आप चूलिया फॉल्स, बारोली प्राचीन शिव मंदिर, दूध तलाई, पाड़ाझार महादेव, भेंसरोडगढ़ अभयारण्य, राणा प्रताब सागर डैम, RPS गार्डन और घने जंगलाे का आनंद ले सकते हैं.

यहां अपने वाहन से कभी भी जाया जा सकता है लेकिन बारिश के मौसम में यहां की सुंदरता देखते ही बनती है, 

चम्बल नदी

राणा प्रताप सागर

भेंसरोडगढ अभयारण्य 


सूर्यास्त का दृश्य


दूध तलाई


RPS गार्डन




कविताऐं, यादें


गांव छूटा
राज्य छूटा
परदेश में बस गए हम...
हमारी संस्कृति ना छूटे
ये ले लो प्रण...

रेखा चित्र : एक उत्तराखंडी आधुनिक बाला आंखों में काला चश्मा और पारंपरिक पुछोड़ा पहने हुए.. सच में ग्रामीण लोग बदल रहे हैं..
😊😊😊😊😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀



भीगे पेड़ मेरे
बरसा जो पानी यहां......
जल्दी आजा 
ए हरियाली
बिन बीज बोए यहां....
हरे भरे खेत मेरे
ओह हो हो.....

😆😆🙂🙂😀😀🌱🌱🌷🌷☘️☘️


कल कल छल छल करती 
सुंदर गीत सुनाती गंगा,
गाँव, खेत, मैदान, नगर, या वन,
सबकी प्यास बुझाती गंगा
हे मां गंगे आपको बारंबार प्रणाम...

अगस्त 2019 : हरिद्वार 


रात ने कहा
शुभ रात्रि मित्रो
अब सो जाओ
नई सुबह की आस में
सपनों में खो जाओ।
😀😀😀😀😀😀😃😃😃🔆🔆🔆🔆😊😊



कविताऐं

सोचता हूं मैं...

इन बड़े बड़े से
अनजाने शहरों में 
ऊंची ऊंची बिल्डिंग्स वाले
खूबसूरत शहरों में 
आदमी मौन है
लिफ्ट बोलती है
Eighth floor
(आठवां माला आ गया)
वाह रे टेक्नोलॉजी
कमाल है तेरा
इंसान को फिर से
अंगूठा छाप और
मौन कर दिया है.....
😁😁😁😁😁🙂🙂🙂🙂😀🙂🙂🙂


फिल्मी गीत


फिल्मी गीत....

वो दिल कहा से लाऊ
तेरी याद जो भुला दे
मुझे याद आने वाले
कोई रास्ता बता दे
वो दिल कहा से लाऊ
तेरी याद जो भुला दे

रहने दे मुझ को अपने
कदमों की खाक बनाकर
जो नहीं तुझे गवारा
मुझे ख़ाक में मिला दे
वो दिल कहा से लाऊ
तेरी याद जो भुला दे

मेरे दिल ने तुज को चाहा
क्या यही मेरी खता हैं
मन कहता हैं लेकिन
ऐसी तो ना सजा दे
वो दिल कहा से लाऊ
तेरी याद जो भुला दे
मुझे याद आने वाले
कोई रास्ता बता दे

फिल्म : भरोसा 1963

My thoughts

My thoughts.....

1. When I do good, I always feel good; when I do bad, I always feel bad. This is my own theory of religion.

2. Doubt everything in life but find your own light in darkness.

3. You know success is like happiness, can not be pursued. 

4. Saying that you don't have time to improve your thoughts and your life is like saying you don't have time to stop for petrol because you are too busy driving. Eventually it will catch up with you.

5. The purpose of my life is to be happy and healthy.

6. I want to be busy making other plans and to be busy.

 

कविताऐं

छोड़ दिए मैने उन 
सवालों को
रिश्तों को
दोस्तों को
रास्तों को
सपनों को
जिनसे कोई 
ज़बाब ना मिले.....
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


हर शख्स व्यस्त है यहां
किसी का मन खाली नहीं
कोई नफरत पालता है
कोई प्रेम
कोई दर्द में डूबा है
कोई यादों में.....
🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂😊😘😘😘👍👍👍


अंधेरों की चर्चा, तो 
सरे आम होती है...
उजालों पे ना जाने क्यों, 
दुनिया खामोश हो जाती है ....
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊


लॉकडौन से पहले
खूब घूमते थे
गाड़ी उठाई
चल देते थे...

बहुत मज़ा आता था
जब पहाड़, पानी और जंगल
के बीच से गुजरते थे...

कभी मेट्रो, कभी बस,
तो कभी ट्रैन 
जो मिल जाए
बैग उठाये चल देते थे...

मंजिल अपनी
कभी गांव
कभी मंदिर
कभी समुद्र का किनारा...

ये क्या????
कोरोना काल 
घरों में कैद सब
चलो कहीं चलते हैं
जहां मस्त लहरातीं फसलें हो
डाल पर बैठी चिड़िया गाती हो
बहते झरने हों
हरे भरे पहाड़ हों
जहां सुकून हो 
जहां शांति हो
चलो चलते हैं
एक ऐसे ही 
गगन के तले.....
😀😀😀😊😊😊😊😊😊😊😊😊🌹☘️🌱🌾


रात ने विदाई ली
चांद भी खिसक लिया
चिड़ियां चहचहाने लगी
लो सूरज आ गया...

गरम चाय के प्यालों से
दिन की शुरुआत होगी
अखबार सनसनी देगा
दिन मेँ क्या करना है
हर कोई सोचेगा...
😐🙏😀🙏🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂🙂


सुबह


सुबह 
आशाओं की एक किरण
तो शाम 
जुदाई का नाम है.
और रात 
तन्हाई है
ए जिन्दगी
तूने की बहुत बेवफाई है.................

गणेश प्रार्थना


श्री गणेश प्रार्थना

एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं
विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्

भावार्थ- भगवान श्री गणेश जो एक दांत से सुशोभित हैं, विशाल शरीरवाले हैं, लम्बोदर हैं, गजानन हैं तथा जो विघ्नोंके विनाशकर्ता हैं, मैं उन दिव्य भगवान् लंबोदर को प्रणाम करता हूं

हे प्रभु आपसे मेरी एक व्यक्तिगत प्रार्थना है, कृपया इसे ध्यान से सुने.........

हे प्रभु आप भी गणेश
मैं भी गणेश
आपके पास दो दो
मेरे पास एक भी नहीं ; क्यों??
चलो ये ही बतला दो...

देखो प्रभु..
आप राजा ऊपर के
फिर में यहां गरीब क्यों
मुझे भी इस जयपुर में
कोई छोटा मोटा 
राजपाट दिलवा दो...

देखो प्रभु..
आप खाते मोदक
में खाता घास फूस
इस अकेले को कभी तो
कोई स्माल पिज़ा ही खिला दो...

आपकी सवारी
बिन पेट्रोल वाली
मेरी गाड़ी में थोड़ा सा
पेट्रोल ही डलवा दो ..

हे प्रभु 
मेरे गणेश
इस गणेश की भी
कभी तो सुध 
ले लिया करो....
😀😀😀😀

ॐ श्री गणेशाय नमः

विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस

21 अगस्त 2023

मित्रों
आज अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस है, सभी वरिष्ठ नागरिक मित्रों को बहुत बहुत बधाई... 

ये तो सभी जानते हैं की  वरिष्ठ नागरिक मतलब ; अनुभवों का खजाना और.......

सच तो ये भी है
की लड़कपन खो गया
जवानी जाती रही
कब झुर्रियों ने घेरा
कब आंख कमजोर हो गयी
कुछ चले गए
कुछ रह गए
कल का किसी को पता नहीं
फिर क्यों ना आज जश्न मनाए
कल फिर हो ना हो....

सीनियर सिटीजन मतलब
जीवन ; एक संघर्ष और
जनाज़े की तैयारी शुरू ....
😊😊😊😊😊


International Senior citizen day


21st August 2023
International Senior citizen day

Today International Senior Citizen day is being celebrated in the world.

Our Indian Govt. is not serious about the welfare of Senior Citizen in India.

What we need : 

1. Atleast 50% discount in all public transport and  priority seats. 

2. 1% extra interest on FD and other deposits and 100% safety of all type of deposits.

3. Special counters in banks, hospitals and other public places.

4. Free medical facilities to the Poor's.

5. Special recreation centres and public libraries in town.

6. Public to give respect to the Sr Citizens in all public areas.

7. Special camps and programs to be organised.

8. Social security schemes.

9. Senior citizen ID cards are to be issued by central government for easy identification.

10. Govt employees are getting pension but private senior citizens are not having any pension, Govt. must think about them.

11 Income upto 10Lacs must be exempted because major amount goes for medical expenses.

12. IT Refunds on priority

13  Free legal services

14  Any other beneficial services.

This list is very small list and there are so many other points to be noted.

Very sad to say Our PM and many other Ministers are also Senior Citizens but they never thought about us.

🙂🙂